सरकार का फैसला इस साल से होगी हज सब्सिडी खत्म, मुस्लिम महिलाओं की शिक्षा पर खर्च होगा पैसा

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Haj Subsidy Ends From 2018Haj Subsidy Ends From 2018

केंद्र सरकार ने इस वर्ष से हज यात्रियों को यात्रा पर मिलने वाले सब्सिडी खत्म करने तथा सब्सिडी की यह राशि को मुस्लिम समाज खासकर मुस्लिम महिलाओं की शिक्षा के लिये खर्च करने की आज घोषणा की।
अल्पसंख्यक मामलों के केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि हज यात्रियों को 2018 से यात्रा सब्सिडी नहीं मिलेगी। सरकार ने यह निर्णय उच्चतम न्यायालय के 2012 के फैसले के मद्देनजर किया है जिसमें हज सब्सिडी 2022 तक धीरे-धीरे खत्म करने का निर्देश दिया गया था।
श्री नकवी ने कहा कि सब्सिडी की इस राशि को सरकार मुस्लिम समाज खासकर मुस्लिम महिलाअों के शैक्षिक सशक्तीकरण पर व्यय करेगी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष देश से हज पर जाने वाले लोगों का कोटा पांच हजार बढ़ा दिया गया है और अब एक लाख 75 हजार यात्री हज पर मक्का मदीना जाएंगे। इनमें से एक लाख 41 हजार लोग हज कमेटी के माध्यम से जाएंगे। पिछले साल कुल एक लाख 70 हजार लोग हज करने गये थे।
उन्होंने बताया कि अगले माह से हज यात्रा के लिए ड्राॅ निकाला जाएगा। अब तक करीब चार लाख आवेदन आये हैं। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि 2012 में हज के लिये करीब 700 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जाती थी और उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद से सरकार धीरे धीरे सब्सिडी कम करती जा रही थी और गत वर्ष सब्सिडी की राशि 250 करोड़ रुपए थी।
उन्होंने कहा कि सब्सिडी की राशि दरअसल एयर इंडिया में चली जाती थी। उन्होंने कहा कि हज जाने वालों को यात्रा के सस्ते विकल्प के रूप में समुद्र के रास्ते द्रुतगामी क्रूज़ सेवा भी शुरू की जाएगी, जिससे दो से तीन दिन में पहुंचा जा सकेगा। जबकि पहले पानी के जहाजों पर एक तरफ की यात्रा में एक-डेढ़ महीने तक लग जाते थे।
श्री नकवी ने बताया कि बिना महरम के हज जाने वाली तेरह सौ महिलाओं का चयन लॉटरी के माध्यम से कर लिया गया है। उनकी मदद के लिये महिला हज सहायकों को नियुक्त किया गया है। हज के दौरान उनके ठहरने एवं आने जाने के लिये अलग से व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि सब्सिडी खत्म करने के बावजूद सरकार द्वारा हज यात्रियों के लिए चिकित्सा एवं दवा और सुरक्षा की सुविधा जारी रहेगी।
इस फैसले के राजनीतिक परिणामों के बारे में बात करते हुए श्री नकवी ने कहा कि यह 'गरिमा के साथ हज' को सुलभ करने के लिये लिया गया अच्छा फैसला है। मुसलमानों के मज़हबी रिवाज में सब्सिडी के साथ हज करना मान्य नहीं है। सब्सिडी को पिछली सरकारों ने तुष्टीकरण की नीति के तहत शुरू किया था। जबकि मोदी सरकार ने मुस्लिम समाज काे गरिमा के साथ हज का अधिकार दिया है।
मुस्लिम वोटों पर इससे पड़ने वाले असर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "हमारा विकास का मसौदा, वोटों का सौदा नहीं है।"

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