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उच्च शिक्षा का डिजिटीलाईजेशन, जल्द ही ऑनलाइन पाठ्यक्रमों बनाए जाएंगे एवं ऑनलाइन डिग्री मिलेगी
CABE की 65th बैठक में नए विश्वविद्यालय कालेज खोलने, बुनियादी ढांचे को दोगुना करेंगे और दूरवर्ती शिक्षा व ऑनलाइन शिक्षा का ऐलान किया गया
samachar 24x7 | Updated on:16 Jan 2018 8:42 PM IST
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CABE की 65th बैठक में नए विश्वविद्यालय कालेज खोलने, बुनियादी ढांचे को दोगुना करेंगे और दूरवर्ती शिक्षा व ऑनलाइन शिक्षा का ऐलान किया गया
सरकार देश में उच्च शिक्षा में दाखिला दर 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 32 प्रतिशत करने के वास्ते अब ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के लिए नियम बनाने जा रही है और गैर तकनीकी विषयों में ऑनलाइन डिग्री देने की व्यस्था करने जा रही है।
केन्द्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (केब) की दो दिवसीय बैठक के आज अंतिम दिन उच्च शिक्षा पर विचार-विमर्श के दौरान यह निर्णय लिया गया।
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बैठक के बाद पत्रकारों को बताया कि अभी उच्च शिक्षा में दाखिला दर 25.2 प्रतिशत है ,उसे पांच वर्षों में हम 30-32 प्रतिशत करना चाहते हैं। इसके लिए नये विश्वविद्यालय कालेज खोलेंगे तथा बुनियादी ढांचे को दोगुना करेंगे और दूरवर्ती शिक्षा तथा ऑनलाइन शिक्षा की मदद लेंगे।
उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा में क्षेत्रीय असंतुलन भी बहुत है, किसी राज्य में तो दाखिला दर 54 प्रतिशत है तो किसी में 14 से 16 प्रतिशत तक, ऑनलाइन शिक्षा से यह असंतुलन भी दूर हो सकेगा। इसके लिए गैर तकनीकी पाठ्यक्रम में ऑनलाइन सर्टिफिकेट डिप्लोमा तथा डिग्री कोर्से शुरू किये जायेंगे और ऑनलाइन शिक्षा के नियम बनाये जायेंगे।
श्री जावडेकर ने कहा कि हर राज्य इसके लिए एक योजना बनाएगा और तब इसके नियमों को तैयार किया जायेगा लेकिन ऑनलाइन कोर्से की अनुमति उन्ही संस्थानों को दी जायेगी जिनको नैक का ए प्लस रैंक मिला हो। हर कालेज को यह अनुमति होगी कि वह पंद्रह प्रतिशत दाखिला ऑनलाइन कोर्से के लिए दे। यह कोर्स जी मैट जी आर ई परीक्षाओं की तरह होगा और यह पूरी तरह त्रुटिरहित होगा। श्री जावडेकर ने यह भी कहा कि स्वयं प्लेटफार्म से भी 600 कोर्से की पढ़ाई हो रही है और 17 लाख छात्र इस से लाभान्वित हाे रहे हैं।
मानव संसाधन विकास मंत्री ने बताया कि उन्नत भारत योजना के तहत अब छात्र अपने आसपास के गाँव में जाकर लोगों को स्वास्थ्य के बारे में जागरूक बनायेंगे और स्कूलों में जाकर बच्चों को पढ़ाएंगे। इस तरह वे सामाजिक सेवा भी देंगे।
श्री जावडेकर ने बताया कि कोई गरीब छात्र उच्च शिक्षा से वंचित नहीं होगा। पिछले तीन सालों से 24 लाख छात्रों ने उच्च शिक्षा के बैंकों से क़र्ज़ लिए जिसके व्याज मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भरे। उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय प्रबंधन संस्थान को स्वायत्ता देने वाले विधेयक के संसद से पारित होने के बाद राष्ट्रपति ने उस पर हस्ताक्षर कर दिए हैं और यह कानून एक फरवरी तक लागू हो जायेगा। इसके लिए नियम बनाने वास्ते कल बैठक हो रही है।
केब की बैठक को संस्कृति मंत्री डॉ महेश शर्मा और मानव संसाधन राज्य मंत्री डॉ सत्यपाल सिंह ने संबोधित किया।
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