फानी से निपटने के लिए सरकार ने उठाए शानदार कदम, संयुक्त राष्ट्र ने भी की तारीफ

  • whatsapp
  • Telegram
  • koo
फानी से निपटने के लिए सरकार ने उठाए शानदार कदम, संयुक्त राष्ट्र ने भी की तारीफएक योद्धा की तरह भारत ने की तूफान फानी पर फ़तह हासिल

भारत को अभी तूफान फानी से निपटे एक ही दिन बीता है और इसी के साथ आज भारत की पूरी दुनिया के सामने सरहना की जा रही है। भारत ने जिस सटीकता के साथ इस तूफान से अपने लोगों को बचाया है उसको देख आज दुनिया भर के सभी देश हैरान है। इतना ही नहीं दुनिया भर की प्राकृतिक आपदाओं पर निगाह रखने वाली संयुक्त राष्ट्र की डिजास्टर रिडक्शन एजेंसी यूएन ऑफिस फॉर डिजास्टर रिडक्शन ने भी भारत की तारीफ की। भारत की तारीफ में डिजास्टर रिडक्शन एजेंसी ने कहा कि भारत के मौसम विभाग ने अचूक सटीकता के साथ फानी चक्रवात के बारे में जानकारी दी, जिससे कि सरकारी विभागों को लोगों को फानी के प्रभाव में आने वाले इलाके से निकालने के लिए पूरा वक्त मिला।

फानी इतिहास के सभी तूफानों की तुलना में एक बहुत ही खतरनाक तूफान माना जा रहा था। फानी के भारत में आगमन से पहले सभी संभावित प्रभावित क्षेत्रों में हाहाकार मचा हुआ था, परंतु जब फानी ने असल में भारत में दस्तक दी तो लोगों को सरकार की इस से निपटने की तैयारों को देख बड़ी राहत मिली।
UNISDR के प्रमुख और डिजास्टर रिस्क रिडक्शन के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष प्रतिनिधि मामी मिजुतोरी ने कहा, "प्राकृतिक आपदाओं के दौरान भारत द्वारा अपनाया गया जीरो कैजुअलिटी एप्रोच सेनदाई रूपरेखा के क्रियान्वयन में और ऐसी घटनाओं में अधिक जिंदगियां बचाने में बड़ा योगदान है।"

आपको बता दें की सेनदाई रूपरेखा 2015 से ले कर 2030 तक प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए दुनिया के अहम देशों के बीच किया गया एक स्वैच्छिक समझौता है। इस समझौते के अंतर्गत फानी जैसी किसी भी बड़ी प्रकृतिक आपदा से निपटने की तैयारी करने सारी ज़िम्मेदारी राज्य को दी गयी है। साथ ही इस फ्रेमवर्क के तहत आपदा से निपटने के लिए स्थानीय प्रशासन, प्राइवेट सेक्टर और दूसरे स्टैकहोल्डर का भी साथ लेने की अपील की गई है।

आप फानी से कम नुकसान होने की वजह को ये मत समझिए कि यह एक छोटा तूफान था, आपको बता दें की यह एक बहुत ही खतरनाक तूफान था। इसको भारतीय मौसम विभाग ने "अत्यंत भयावह चक्रवाती तूफान" की श्रेणी में रखा था। कम नुकसान का एक लौता श्रेय भारतीय व्यवस्था और केंद्रीय सरकार को जाता है।

वरना पूर्व सरकार के काल में एक समय वो भी था जब जनता ऐसे तूफानों से प्रभावित होती थी, खूब हाहाकार मचता था, सैकड़ो की संख्या में लोग मरते थे और सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी रहती थी। एक समय वो भी था जब ऐसे तूफान भारत को और उसके नागरिकों को गहरा नुकसान पहुंचा जाते थे और बाद में एनजीओ और अन्य समाजसेवकों को स्थिति को सुधारने के लिए राहत कार्य करने पड़ते थे।

Share it