CoronaVirus को मात देगा नमस्ते, नमस्कार और हिंदू अभिवादन पद्धतियाँ
CoronaVirus के खौफ ने हाथ मिलाने की प्रथा को लगभग बंद कर दिया है। आज दुनिया में हर जगह लोग हाथ मिलाने से कतरा रहे हैं
CoronaVirus के खौफ ने हाथ मिलाने की प्रथा को लगभग बंद कर दिया है। आज दुनिया में हर जगह लोग हाथ मिलाने से कतरा रहे हैं
'नमस्ते' दोनों हाथों की हथेलियों को मिला कर किया जाने वाला अभिवादन अर्थात "भारतीय नमस्कार" आज पूरी दुनिया के लिए बचाव का एक तरीका बन गया है। "CoronaVirus के प्रसार से बचाव के लिए डोनाल्ड ट्रंप ने भारत की परंपराओं को याद किया।" चीन, इटली से लेकर साउथ कोरिया सहित कई देशों में कोरोना वायरस का कहर बना हुआ है इसी कारण कई देशों ने हाथ मिलाने पर पांबदी लगा दी है।
CoronaVirus के खौफ ने हाथ मिलाने की प्रथा को लगभग बंद कर दिया है। आज दुनिया में हर जगह लोग हाथ मिलाने से कतरा रहे हैं, इतना ही नहीं अब वे पश्चिमी तरीके से किए जाने वाले अभिवादन यानि एक-दूसरे से संपर्क करने से भी कतरा रहे हैं। अनेक देशों की सरकारों ने हाथ मिलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
CoronaVirus के कारण अभिवादन की पद्धतियां काफी चर्चा में हैं और अतिउत्साही हिंदू केवल 'नमस्ते' को हिंदुत्व की पद्धति बता रहे हैं जबकि वास्तव में हिंदुत्व में अभिवादन के छः प्रकार हैं।
1. नमस्ते व नमस्कार:- नमस्ते वरिष्ठों को हाथ जोड़कर अपना मस्तक उनपर टिकाया जाता है व नमस्कार समवयस्कों को जिसमें सिर्फ हाथ जोड़े जाते हैं। कई लोगों से एक साथ नमस्कार करने के लिये हाथ जोडकर सिर से ऊपर उठाये जाते हैं। इसमें 'नमस्ते', 'नमस्कार' या महापुरुषों के नाम का उच्चारण किया जाता था। यह वस्तुतः एक व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति या व्यक्तियों में उपस्थित आत्मा रूपी ईश्वर को प्रणाम करता है।
2. हस्त संपीडन:- हाथ मिलाना। यह भी दो प्रकार से होता है, पंजा मिलाकर या पंजे से सामने वाले की कलाई को पकड़कर। यह प्रायः क्रीड़ाओं व द्वंदों में सामने वाले की शक्ति तौलने के लिये था।
3. मुष्टि अभिवादन:- यह सैन्य अभिवादन था जिसमें सैनिक अपनी मुष्टि बांधकर अपने वक्ष पर रखता था। संघ की शाखाओं में इसी बदले रूप का प्रयोग 'ध्वज प्रणाम' हेतु किया जाता है जिसमें मुट्ठी को खोलकर हथेली को क्षैतिज रूप में शरीर के साथ नब्बे डिग्री के कोण पर सीने पर रखा जाता है। यह सम्मान के साथ साथ प्रतिज्ञाबद्ध होने का परिदृष्य व भाव की रचना करता है।
4. चरण स्पर्श:- आदरणीय व वरिष्ठों के प्रति सम्मान प्रदर्शित करने का माध्यम जिसमें दोंनों हाथों की सभी उंगलियों को वरिष्ठ या गुरुजन के पैरों की उंगलियों से स्पर्श कर अपनी उंगलियों को भ्रूमध्य पर स्पर्श कराया जाता है।
(वैसे आजकल चरण स्पर्श राजनैतिक संस्कृति में जंघा स्पर्श तक सीमित हो गया है।)
मान्यता है कि शरीर के इस चुम्बकीय क्षेत्र के माध्यम से वरिष्ठ के गुण व ऊर्जा पैर छूने वाले व्यक्ति के अंदर संचारित होती है। यही कारण है कि दुर्गुणी व्यक्ति के चरण स्पर्श का निषेध है और कई साधु अपनी ऊर्जा के क्षरण के भय से चरणस्पर्श नहीं करवाते, विशेषतः कन्याओं व स्त्रियों से क्योंकि उनके अंदर ऊर्जा सोखने की शक्ति पुरुष की तुलना में अधिक होती है। (अगर विश्वास न हो तो पंद्रह मिनिट अपनी धर्मपत्नी या प्रेमिका से क्लेश कर लें, भीगे तौलिये सा निचुड़ा महसूस करेंगे।)
5. पंच प्रतिष्ठित :- इसमें हाथों को जंघाओं के बीच लाकर पैर के पंजों व घुटनों को मोड़कर धड़ को झुकाकर हाथों की कुंहनियों को जमीन पर टिकाकर मस्तक को जमीन पर स्पर्श कराया जाता है। चूंकि इसमें दो पैर, दो हाथ और मस्तक भूमि को स्पर्श करते हैं अतः इसे पंचप्रतिष्ठित वंदना कहा गया।
यह विधि बौद्धों में प्रचलित थी जिसे मुस्लिमों ने नमाज की एक मुद्रा के रूप में स्वीकार किया। चीन और पूर्वी एशिया के राजदरबारों में भी राजा के सामने इसे अभिवादन के रूप में स्वीकार किया गया।
सिखों में इसे 'मत्था टेकना' कहकर स्वीकार किया गया।
6. साष्टांग दंडवत:- इसमें पूरे शरीर को पृष्ठ अवस्था अर्थात 'पट' होकर पैरों व हाथों को भूमि के समानांतर क्षैतिज रूप में पूरी लंबाई में फैलाकर मस्तक को भूमि से स्पर्श कराया जाता है। चूंकि इसमें शरीर के आठ अंग भूमि को स्पर्श करते हुये समस्त शरीर दंड के समान सीधा रखा जाता है अतः इसे 'साष्टांग दंडवत' कहा गया।
यह असाधारण अभिभूत होने वाली स्थिति में, देवता, ऋषि, संन्यासी व गुरु के सामने किये जाने की ही अनुमति है। लेकिन कुछ विदेशी जातियों व राजाओं ने इसे अपनी श्रेष्ठता व महत्ता दिखाने व शत्रुओं को अपमानित करने हेतु भी प्रयुक्त किया।
अतः सभी प्रकार की अभिवादन पद्धतियाँ हिंदुओं ने संसार को प्रदान की लेकिन कोरोना के कारण 'नमस्ते' सर्वाधिक प्रचलित हो रहा है।
#WATCH US President Donald Trump: We (him&PM of Ireland) didn't shake hands today&we looked at each other&said what are we going to do?Sort of a weird feeling. We did this (joined hands). I just got back from India&I didn't shake any hands there. It was easy. #CoronaVirusPandemic pic.twitter.com/5uTSKTf7bO
— ANI (@ANI) March 13, 2020
Président Macron has decided to greet all his counterparts with a namaste, a graceful gesture that he has retained from his India visit in 2018 pic.twitter.com/OksoKjW7V8
— Emmanuel Lenain (@FranceinIndia) March 11, 2020