भय्यू जी की अत्महत्या: कांग्रेस उठाना चाह रही है राजनीतिक लाभ
भय्यू जी कि अत्महत्या के फौरन बाद ही काँग्रेस ने अपनी राजनीतिक रोटियाँ सेकना शुरू कर दिया। कांग्रेस ने मौत के फौरन बाद से ही सीबीआई जांच की मांग शुरू कर दी। खैर इसमें कोई नई बात नहीं है, आजकल तो वैसे भी लाशों पर राजनीति करना कांग्रेसियों की आदत सी हो गयी है।
भय्यू जी कि अत्महत्या के फौरन बाद ही काँग्रेस ने अपनी राजनीतिक रोटियाँ सेकना शुरू कर दिया। कांग्रेस ने मौत के फौरन बाद से ही सीबीआई जांच की मांग शुरू कर दी। खैर इसमें कोई नई बात नहीं है, आजकल तो वैसे भी लाशों पर राजनीति करना कांग्रेसियों की आदत सी हो गयी है।
आध्यात्मिक नेता भय्यू जी महाराज ने आज खुद को गोली मार कर अत्महत्या कर ली। उन्हें इंदौर के बॉम्बे अस्पताल ले जाया गया जहां उन्होंने अपना आखिरी सांसें ली।
#MadhyaPradesh: Spiritual leader Bhayyuji Maharaj allegedly shoots himself, admitted to Bombay hospital in Indore. (File pic) pic.twitter.com/G0LoNaNfih
— ANI (@ANI) June 12, 2018
भय्यू जी कि अत्महत्या के फौरन बाद ही काँग्रेस ने अपनी राजनीतिक रोटियाँ सेकना शुरू कर दिया। कांग्रेस ने मौत के फौरन बाद से ही सीबीआई जांच की मांग शुरू कर दी। खैर इसमें कोई नई बात नहीं है, आजकल तो वैसे भी लाशों पर राजनीति करना कांग्रेसियों की आदत सी हो गयी है।
इस से कॉंग्रेस का दोहरा चरित्र सामने आता है, कि किस तरह भय्यू जी कि मौत के 2 घंटे बाद ही सीबीआई जांच की मांग उठाने वाले कांग्रेस कठुआ गेंगरेप मामले में सीबीआई जांच की मांग पर चुप रह कर केवल स्थानीय पुलिस से जांच करती है।
आपको बताते दें कि भय्यू जी महाराज एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु थे। वह उन आध्यात्मिक नेताओं में से एक थे जिन्हें शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई वाली मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य मंत्री का खिताब दिया था।
यूपीए सरकार के दौरान अन्ना हजारे की अगुवाई में लोकपाल आंदोलन के समय भय्यू जी ने प्रसिद्धि प्राप्त की। उन्हें सरकार और अन्न हज़ारे के बीच मध्यस्थता करने के लिए कहा गया था।
भय्यू जी, एक जमीन्दर के पुत्र थे। वे अपने शुरुआती दिनों में मॉडल भी रह चुके है, उनका असली नाम उदयसिंह देशमुख था। भय्यू जी को एक समृद्ध जीवनशैली के लिए जाना जाता था। इंदौर में एक विशाल आश्रम में रहने वाले भय्यू जी हमेशा शाही व ठाठ रूप से कपड़े पहनते थे, एक सफेद मर्सिडीज एसयूवी में अनुयायियों के एक छोटे से जत्थे के साथ यात्रा करते थे। भय्यू जी विशेष रूप से राजनेताओं और व्यापारियों के बीच अपने नेतृत्व के लिए प्रचलित थे, अक्सर बड़े बड़े राजनेता सलाह के लिए उनके पास आते हैं।
2011 में उन्होने एक इंटरव्यू केदौरान कहा, "मैंने इस सप्ताह राष्ट्रपति प्रतिभा पटेल के साथ डेढ़ घंटे से ज्यादा समय बिताया, आध्यात्मिकता से कंप्यूटर तक कई चीजों के बारे में बात करते हुए।" इस से साबित होता है कि उनके बड़े बड़े राजनीतिक कनैक्शन थे।
सूत्रों के अनुसार, उनकी ज़िंदगी में चल रहे तनाव का एक कारण उनकी पहली पत्नी से उत्पन्न पुत्री और दूसरी बीवी के बीच होने वाले झगड़ो को भी माना जा रहा है। जी हाँ, भय्यू जी महाराज की पहली पत्नी माधवी का साल 2015 में निधन हो गया था। इस शादी से उनकी एक बेटी है, जो पुणे में पढ़ाई कर रही है। बीते साल अप्रैल में भय्यू महाराज ने डॉ आयुषी के साथ दूसरी शादी की थी। भय्यू जी की दूसरी बीवी मध्यप्रदेश के ग्वालियर की रहने वाली है।
इस से पहले 2015 मल्लिका राजपूत नाम की एक्ट्रेस ने उनपर 'मोहजाल' में बांधकर रखने का आरोप लगाया था।
भय्यू जी की ज़िंदगी का अध्ययन करे तो पीटीए चलता है कि उनकी ज़िंदगी में काफी उतार-चढ़ाव थे। खैर अभी आधिकारिक तौर से भय्यू जी की अत्महत्या का कारण सामने नहीं आया है।