आर्मी चीफ रावत ने रायसीना डायॅलाग 2018 में अपने संबोधन में कहा कि आतंकवादी संगठन अपनी हरकतों को अंजाम देने के लिए व्यापक स्तर पर सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने आज सुझाव दिया कि आतंकवाद से निपटने के लिए कुछ सोशल मीडिया साइटों पर भी नियंत्रण किया जाना चाहिए।
जनरल रावत ने यहां रायसीना डायॅलाग 2018 में अपने संबोधन में कहा कि आतंकवादी संगठन अपनी हरकतों को अंजाम देने के लिए व्यापक स्तर पर सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं। सोशल मीडिया का उपयोग भारत के खिलाफ दुष्प्रचार के लिए भी किया जा रहा है इसलिए इसके इस्तेमाल में सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि इन कुछ साइटों पर अंकुश लगाया जाये तो आतंकवाद पर लगाम लगाने का यह भी एक तरीका हो सकता है। उन्होंने कहा कि देश में सुरक्षित और भय मुक्त माहौल के लिए देश हित में अस्थायी तौर पर यह कदम उठाया जा सकता है।
सेना प्रमुख ने कहा कि आतंकवादी संगठन अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर रहे हैं और उनके पास इन क्षेत्रों के माहिर लोग भी हैं ऐसे में यह चिंता का विषय है कि यदि परमाणु , जैविक या रसायनिक हथियार आतंकवादियों के हाथ में आ जाते हैं तो यह मानवता के लिए खतरनाक होगा।
पाकिस्तान का नाम लिये बिना उन्होंने कहा कि जरूरत इस बात है कि आतंकवादियों को शह तथा समर्थन देने वाले देशों की पहचान की जाये और अपने हित साधने के लिए आतंकवादियों का समर्थन करने वाले देशों से पहले निपटा जाये। गौरतलब है कि सोमवार को सेना दिवस के मौके पर जनरल रावत ने सख्त लहजे में पाकिस्तान को चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था 'नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तानी सेना लगातार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रही है और आतंकवादियों को भारत में घुसपैठ करने में मदद दे रही है। हम अपनी ताकत से उन्हें सबक सिखा रहे हैं। पाकिस्तान की तरफ से किसी भी उकसावे वाली कार्रवाई का माकूल जवाब दिया जाएगा।'
सिक्किम सेक्टर के निकट चीनी सैनिकों की डोकलाम में मौजूदगी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वहां तैनात चीनी सैनिकों की संख्या में कमी आयी है लेकिन अभी चीनी सैनिक पूरी तरह उस क्षेत्र से वापस नहीं लौटे हैं। उन्होंने कहा कि भारत वहां स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए है।