कृषि मंत्री तोमर ने किसानों को लिखा खुला पत्र : "मैं भी किसान परिवार से आता हूँ"
जिन लोगों की राजनीतिक जमीन खिसक चुकी है वे लोग पूरी तरह से ये काल्पनिक झूठ फैला रहे हैं कि किसानों की जमीन छीन ली जाएगी
जिन लोगों की राजनीतिक जमीन खिसक चुकी है वे लोग पूरी तरह से ये काल्पनिक झूठ फैला रहे हैं कि किसानों की जमीन छीन ली जाएगी
कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन को 22 दिनों से अधिक हो चुके हैं, लेकिन किसान अभी भी कानून वापस लेने की अपनी मांग पर अड़े हैं और मोदी सरकार किसानों को मनाने की हर संभव कोशिश कर रही है। इसी कोशिश के तहत कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को किसानों को आठ पन्नों का एक खुला पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने एक बार फिर तीनों कृषि अधिनियमों के लाभों को दोहराया, साथ ही किसानों को गुमराह करने की कोशिश करने वालों के सावधान रहने की बात कहते हुए, उनसे "हाथ जोड़कर" आग्रह किया कि वे किसी भी बाहरी प्रभाव के दबाब में आए बिना सही तथ्यों पर विचार करें।
सभी किसान भाइयों और बहनों से मेरा आग्रह !
— Narendra Singh Tomar (@nstomar) December 17, 2020
"सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास" के मंत्र पर चलते हुए प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने बिना भेदभाव सभी का हित करने का प्रयास किया है। विगत 6 वर्षों का इतिहास इसका साक्षी है।#ModiWithFarmers pic.twitter.com/Ty6GchESUG
अपने पत्र में तोमर ने कहा कि केंद्र सरकार एमएसपी पर लिखित आश्वासन देने और तीन कानूनों में उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि देश के अधिकांश किसान नए कृषि अधिनियमों से खुश हैं, लेकिन झूठ के आधार पर तनाव पैदा करने की साजिश के तहत एक निश्चित वर्ग द्वारा कुछ भ्रम पैदा किया गया है।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का पत्र पढ़ने / Download करने के लिए यहाँ क्लिक करें :
उन्होंने लिखा कि मैं एक किसान परिवार से आता हूँ, खेती की बारीकियाँ आर उसकी चुनौतियाँ दोनों को देखते, समझते हुये ही बड़ा हुआ हूँ। यह बहुत संतोषजनक है कि कानून लागू होने के बाद, एमएसपी की खरीद ने इस बार एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।"
गौरतलब हो कि आंदोलनकारी किसानों का एक वर्ग केंद्र से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी की मांग कर रहा है। इसका मतलब यह होगा कि एमएसपी से नीचे किसान की उपज खरीदने वाले किसी भी व्यक्ति को जेल या जुर्माना या फिर दोनों की सज़ा मिल सकती है।
आगे उन्होंने कहा, "पिछले छह वर्षों में, मोदी सरकार ने किसानों के लिए कई कदम उठाए हैं। इन बिलों के माध्यम से, सरकार ने किसानों को अपना उत्पाद बेचने के लिए एक अतिरिक्त विकल्प प्रदान किया है।"
विपक्ष का नाम लिए बगैर, नरेंद्र सिंह तोमर ने अपने पत्र में दावा किया, " MSP और मंडियों के नाम पर एक झूठ फैलाया जा रहा है। जबकि तथ्य यह है कि कुछ भी बदलने वाला नहीं है।"
उन्होंने अपने पत्र में जमीन के मालिकाना हक़ को लेकर फलाए जा रहे भ्रम के बारे में स्थिति साफ कराते हुये लिखा, कि "जिन लोगों की राजनीतिक जमीन खिसक चुकी है वे लोग पूरी तरह से ये काल्पनिक झूठ फैला रहे हैं कि किसानों की जमीन छीन ली जाएगी"। जब किसान और व्यापारी के बीच एग्रीमेंट सिर्फ उपज का होगा तो जमीन कैसे चली जाएगी? नए कानून में साफ उल्लेख है कि जमीन पर सिर्फ किसान का ही मालिकाना हक़ रहेगा।
मंत्री महोदय ने लिखा कि "जो सरकार गावों में रहने वाले हर परिवार को स्वामित्व योजना के जरिये उसके घर का भी मालिकाना हक़ प्रदान कर रही है वह किसानों की एक इंच जमीन भी किसी को छीनने नहीं देगी।
कृषि मंत्री @nstomar जी ने किसान भाई-बहनों को पत्र लिखकर अपनी भावनाएं प्रकट की हैं, एक विनम्र संवाद करने का प्रयास किया है। सभी अन्नदाताओं से मेरा आग्रह है कि वे इसे जरूर पढ़ें। देशवासियों से भी आग्रह है कि वे इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं। https://t.co/9B4d5pyUF1
— Narendra Modi (@narendramodi) December 17, 2020
हमारे देश में वर्षों से फार्मिंग एग्रीमेंट की व्यवस्था चल रही है।
— Narendra Modi (@narendramodi) December 18, 2020
फार्मिंग एग्रीमेंट से जुड़े पहले जो भी तौर-तरीके चल रहे थे, उनमें किसानों के लिए बहुत जोखिम था।
नए कानून में हमारी सरकार ने किसानों को सुरक्षा देने के लिए कानूनी प्रावधान किए हैं। pic.twitter.com/6X9p5rdZEP