हर्षोल्लास के साथ मनाया गया देशभर में 69वां गणतंत्र दिवस

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Celebrations All Across The Nation On 69th Republic DayCelebrations All Across The Nation On 69th Republic Day

आज राजपथ पर परेड में देश की बढ़ती सैन्य शक्ति, सांस्कृतिक धरोहर और विविधता में एकता की बहुरंगी छटा के साथ-साथ दस आसियान देशों की संस्कृति और सभ्यता की मनोहारी छटा भी दिखायी दी।
गणतंत्र दिवस समारोह की इस बार एक बड़ी विशेषता यह थी कि पहली बार मुख्य अतिथि के तौर पर दस देशों के राष्ट्राध्यक्ष या शासनाध्यक्ष मौजूद थे। आमतौर पर गणतंत्र दिवस समारोह में एक ही विदेशी मुख्य अतिथि को आमंत्रित किया जाता है।
इससे पहले सुबह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीनों सेनाओं के प्रमुखों की मौजूदगी में इंडिया गेट स्थित पवित्र अमर जवान ज्योति पर पुष्पांजलि अर्पित कर कृतज्ञ राष्ट्र की आेर से शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद प्रधानमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों तथा तीनों सेनाओं के प्रमुख राजपथ पहुंचे और राष्ट्रपति एवं तीनों सेनाओं के सर्वोच्च कमांंडर रामनाथ कोविंद का स्वागत किया। राष्ट्रपति के सलामी मंच पर 21 तोपों की सलामी लेने के बाद सुबह दस बजे विजय चौक से भव्य परेड आरंभ हुई।
देश की सैन्य ताकत के प्रतीक तीन टी-90 टैंक , दो ब्रह्मोस तथा दो आकाश मिसाइल प्रणाली अौर भीष्म टैंक देशवासियों को सीमाओं की सुरक्षा के प्रति आश्वस्त करते नजर आये। वायु सेना के लड़ाकू हेलिकॉप्टर रूद्र पहली बार राजपथ पर गर्जन करते नजर आये। वायु सेना की झांकी में 'स्वदेशीकरण की ओर बढती वायु सेना' की तस्वीर दिखाई गयी जिसमें देश में ही बने लड़ाकू विमान तेजस, रुद्र हेलिकॉप्टर, अरुद्र रडार और आकश मिसाइल का प्रदर्शन किया गया। साथ ही देश की नारी शक्ति की झलक पेश करते हुए वायु सेना की तीन अधिकारियों को भी झांकी में जगह दी गयी।
अर्द्धसैनिक बलों में लंबे समय के बाद आईटीबीपी के दस्ते ने भी इस बार राजपथ पर दस्तक दी। वैसे परेड का आकर्षण सीमा सुरक्षा बल की 113 जांबाज महिला कमांडो टीम रही जिनके हैरतअंगेज तथा रोंगटे खड़े कर देने वाले करतबों को देखकर दर्शकों ने दांतों तले उंगली दबा ली। इससे पहले ये करतब डेयर डेविल के नाम से प्रसिद्ध पुरूष कमांडो करते थे लेकिन इस बार इन महिला कमांडों ने 350 सीसी की 26 रॉयल एनफील्ड मोटरसाइकों पर सवार होकर नारी शक्ति तथा अपने साहस और वीरता का परिचय दिया। उन्होंने एरोबेटिक्स तथा कलाबाजी का भी अद्भुत नमूना पेश किया।
ऑल इंडिया रेडियो, विदेश मंत्रालय द्वारा बनायी गयी आसियान की झांकी, कर्नाटक , मध्य प्रदेश, त्रिपुरा, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र, लक्षद्वीप, छत्तीसगढ, केरल , असम, पंजाब, हिमाचल प्रदेश , मणिपुर, गुजरात की झांकियों ने राजपथ पर देश की संस्कृति की मनोहारी छटा पेश की। झाकियों के बाद राष्ट्रीय वीरता पुरस्कारों से सम्मानित बहादुर बच्चे खुली जीप में दर्शकोंं का अभिवादन करते हुए राजपथ से गुजरे।
परेड के अंत में हर बार की भांति सुखोई - 30 विमान ने आकाश को चीरते हुए वर्टिकल चार्ली करतब का नमूना पेश कर दर्शकों को रोमांच से सरोबार कर दिया। परेड के समापन पर बड़ी संख्या में शांति के प्रतीक रंग बिरंगे गुब्बारे छोड़े गये जिनसे राजपथ का आकाश पट गया।

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