अमेरिका ने पाक को एक अरब डॉलर से अधिक की सैन्य सहायता रोकी
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नववर्ष ट्वीट के बाद पाकिस्तान को सभी सुरक्षा सहायता रोकने का कदम उठाया गया है
samachar 24x7 | Updated on:5 Jan 2018 10:42 PM IST
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राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नववर्ष ट्वीट के बाद पाकिस्तान को सभी सुरक्षा सहायता रोकने का कदम उठाया गया है
अमेरिका ने अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क नाम के आतंकवादी संगठनों पर कार्रवाई करने में पाकिस्तान के नाकाम रहने और अपनी सरजमीं पर उनके पनाहगाह को नेस्तनाबूद करने में नाकाम रहने को लेकर इस्लामाबाद को सुरक्षा सहायता के तौर पर 1.15 अरब डॉलर से अधिक धन और सैन्य उपकरणों की आपूर्ति आज रोक दी।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नववर्ष ट्वीट के बाद पाकिस्तान को सभी सुरक्षा सहायता रोकने का कदम उठाया गया है। दरअसल, ट्रंप ने ट्वीट में आरोप लगाया था कि पाकिस्तान ने अमेरिका को झूठ और फरेब के सिवा कुछ नहीं दिया है तथा उसने पिछले 15 बरसों में 33 अरब डॉलर की मदद के बदले में आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया किया।
रोकी गई रकम में वित्तीय वर्ष 2016 के लिए 25. 5 करोड़ डॉलर का फॉरेन मिलिट्री फंडिंग भी शामिल है।
इसके अलावा रक्षा विभाग ने पाकिस्तान को 2017 के लिए 90 करोड़ डॉलर का गठबंधन सहायता कोष और पिछले वित्तीय वर्ष में खर्च नहीं किए गए अन्य धन को भी रोक दिया।
अमेरिकी विदेश विभाग प्रवक्ता हीथर नॉएर्ट ने संवाददाताओं से कहा, ''आज हम इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि हम इस वक्त पाकिस्तान को राष्ट्रीय सुरक्षा सहायता उस समय तक के लिए रोक रहे हैं जब तक कि पाक सरकार अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क सहित आतंकी संगठनों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई नहीं करती। '' उन्होंने कहा हमें लगता है कि आतंकी संगठन क्षेत्र को अस्थिर कर रहे हैं और अमेरिकी सैनिकों को भी निशाना बना रहे हैं। अमेरिका पाकिस्तान को सुरक्षा सहायता रोकेगा। उन्होंने कहा, ''इसलिए अमेरिका कानून के अनुसार जरूरी नहीं होने पर सैन्य उपकरण नहीं देगा ना ही सुरक्षा से जुड़े कोष देगा। '' ट्रंप प्रशासन के कदम पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए पाकिस्तान ने कहा कि, ''हम सुरक्षा सहयोग के मुद्दे पर अमेरिकी प्रशासन से बात कर रहे हैं और ब्योरे का इंतजार है।'' पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने इस्लामाबाद में एक बयान में कहा कि आने वाले समय में स्थिति स्पष्ट होगी। गौरतलब है कि अमेरिका ने पाकिस्तान को सुरक्षा सहायता के तौर पर सालाना एक अरब डॉलर दिया है। जमात उद दावा (जेयूडी) प्रमुख सईद को हाल ही में नजरबंदी से रिहा किया गया था। अमेरिका ने जेयूडी और फलह ए इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) को लश्कर ए तैयबा संगठन के लिए 'आतंकी मुखौटा' करार दिया है। लश्कर ए तैयबा का गठन सईद ने 1987 में किया था और मुंबई में 2008 में हुए आतंकी हमलों के लिए भारत और अमेरिका ने उसे जिम्मेदार ठहराया है। इस हमले में 166 लोग मारे गए थे।वाशिंगटन/ इस्लामाबाद
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