दलाई लामा की सलाह, ज्ञान का उपयोग विध्वंस के लिए न हो
दलाई लामा ने आज “भारतीय दार्शनिक विचारों और आधुनिक विज्ञान” विषयक दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया


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दलाई लामा ने आज “भारतीय दार्शनिक विचारों और आधुनिक विज्ञान” विषयक दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया
तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने ज्ञान का उपयोग विध्वंसक गतिविधियों में किये जाने को "मानवता के हार" की संज्ञा देते हुए आज कहा कि दुनिया का कोई भी विवाद हथियारों से नहीं, बल्कि बातचीत से सुलझाया जाना चाहिए।
श्री लामा ने दुनिया को शांति का संदेश देने वाले भगवान बुद्ध की तपोभूमि सारनाथ में आज "भारतीय दार्शनिक विचारों और आधुनिक विज्ञान" विषयक दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि ज्ञान और बौद्धिक क्षमताओं का उपयोग कभी-कभी खतरनाक दिशा में किये जाते हैं, जिसके दुष्परिणाम पूरी दुनिया को भुगतने पड़ते हैं। प्राचीनकाल में युद्ध एक व्यक्ति या देश के विध्वंस के लिए होता था। आज अत्यंत विध्वंसकारी हथियार मानवता के विध्वंस का करण बन गए हैं।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक लड़ाई का कारण घृणा तथा क्रोध है। हमें ज्ञान के दुरुपयोग को रोकने के साथ ही आने वाली पीढ़ियों में करूणा और प्रेम की भावना का विकास करने में योगदान देना चाहिए।
केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान के स्वर्ण जयंती के अवसर पर संस्थान द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में दुनियाभर से आये दार्शनिकों, वैज्ञानिकों एवं धर्म गुरुओं से विवादों के हल के लिए कोई सर्वमान्य रास्ता निकालने की आशा व्यक्त करते हुए श्री लामा ने कहा कि यह सम्मेलन अपने मकसद में कामयाब होगा।
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