भारत-जर्मनी के बीच हुए महत्वपूर्ण ऋण समझौते
विभिन्न वित्तपोषण परियोजनाओं के लिए अंतर-सरकारी समझौते किए गए
Admin1 | Updated on:4 Dec 2017 10:27 PM IST
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विभिन्न वित्तपोषण परियोजनाओं के लिए अंतर-सरकारी समझौते किए गए
भारत और जर्मनी ने सोमवार को यहां कई वित्तीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिसमें पर्यावरण-हितैषी शहरी परिवहन के लिए 20 करोड़ यूरो के ऋण का समझौता भी शामिल है। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि विभिन्न वित्तपोषण परियोजनाओं के लिए यहां अंतर-सरकारी समझौते किए गए। इन समझौतों पर जर्मनी की ओर से भारत में जर्मनी के राजदूत डॉ. मार्टिन नेय और भारत की ओर से वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग में संयुक्त सचिव एस. सेल्वाकुमार ने हस्ताक्षर किए।
बयान में कहा गया है, "भारत और जर्मनी ने 'पर्यावरण अनुकूल शहरी गतिशीलता-3 परियोजना' के लिए ऋण के रूप में वित्तीय सहायता के लिए 20 करोड़ यूरो तक की राशि और चार परियोजनाओं के लिए अनुदान के रूप में 1.1 करोड़ यूरो के संलग्न उपायों को औपचारिक रूप देने के लिए आज (सोमवार) यहां समझौतों पर हस्ताक्षर किए।"
समझौते के भाग-1 पर 2017 के मई में हस्ताक्षर किए गए थे।
इसके अलावा, भारत-जर्मन द्विपक्षीय विकास सहयोग के ढांचे के तहत भारत के आर्थिक मामलों के विभाग और जर्मन सरकार के स्वामित्व वाले विकास बैंक केएफडब्ल्यू के बीच चार अन्य समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।
केएफडब्ल्यू के साथ 'समुदाय आधारित सतत वन प्रबंधन- घटक 1 मणिपुर' के लिए 1.5 करोड़ यूरो के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
बयान में कहा गया है कि इस परियोजना का विस्तृत उद्देश्य जल ग्रहण वाले ऊपरी क्षेत्रों में नष्ट हो चुके जंगलों को बहाल करना, छोड़े गए कृषि क्षेत्रों में भूमि सुधार, जैव विविधता संरक्षण, जल संसाधन संरक्षण और परियोजना वाले क्षेत्र में वनों पर निर्भर ग्रामीण जनजातीय लोगों की आजीविका में सुधार करना है।
दूसरा समझौता 'मध्यप्रदेश शहरी स्वच्छता और पर्यावरण कार्यक्रम' परियोजना के लिए कम ब्याज दर पर पांच करोड़ यूरो के ऋण और 25 लाख यूरो के अनुदान का किया गया।
इस परियोजना का विस्तृत उद्देश्य मध्यप्रदेश के कुछ चुने हुए क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति, स्वच्छता और सीवरेज शोधन संयंत्र की सुविधा में सुधार और कुछ शहरों में ठोस और तरल कचरा प्रबंधन और उसके निपटारे की प्रणाली में सुधार, बाढ़ के पानी को कम करने के लिए जमीनी निकासी प्रणाली में सुधार करना है।
तीसरा समझौता 'निरंतर शहरी बुनियादी ढांचा विकास ओडिशा-चरण 2' परियोजना के लिए कम ब्याज दर पर 5.5 करोड़ यूरो के ऋण और 20 लाख यूरो के अनुदान का समझौता किया गया।
इस परियोजना का मूल उद्देश्य शहरी बुनियादी ढांचे को सरकार की प्राथमिकताओं से जोड़कर उनमें सुधार करना है। परियोजना का विस्तृत उद्देश्य ओडिशा में शहरी बुनियादी ढांचे में सुधार करना और लोगों को बेहतर जीवन प्रदान करना है।
चौथा समझौता 'महाराष्ट्र में हरित ऊर्जा गलियारा- अंतरराज्यीय पारेषण प्रणाली' परियोजना के लिए कम ब्याज दर पर 1.2 करोड़ यूरो के ऋण का किया गया। इस परियोजना का विस्तृत उद्देश्य नवीकरणीय ऊर्जा ले जाने के लिए पारेषण प्रणाली स्थापित करना है।