ग्वादर बंदरगाह सुरक्षा के लिए चुनौती : नौसेना प्रमुख
बलूचिस्तान में स्थित वाणिज्यिक बंदरगाह ग्वादर का इस्तेमाल अगर चीन भविष्य में अपने नौसैनिक जहाजों के लिए करता है तो यह सुरक्षा के लिहाज से हमारे लिए चुनौती होगी।
Shreshtha Verma | Updated on:1 Dec 2017 8:59 PM IST
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बलूचिस्तान में स्थित वाणिज्यिक बंदरगाह ग्वादर का इस्तेमाल अगर चीन भविष्य में अपने नौसैनिक जहाजों के लिए करता है तो यह सुरक्षा के लिहाज से हमारे लिए चुनौती होगी।
बलूचिस्तान में स्थित वाणिज्यिक बंदरगाह ग्वादर का इस्तेमाल अगर चीन भविष्य में अपने नौसैनिक जहाजों के लिए करता है तो यह सुरक्षा के लिहाज से हमारे लिए चुनौती होगी। नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने शुक्रवार को यह बातें कही। सुनील लांबा ने कहा, "अगर भविष्य में चीन के नौसैनिक जहाज ग्वादर में रखे जाएंगे तो यह सुरक्षा के लिहाज से हमारे लिए चुनौती होगी, जिसे हमें देखना होगा और कम करना होगा।"
लांबा ने 4 दिसम्बर को होने वाले नौसेना दिवस से पहले यहां वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "चीनी वाणिज्यिक कंपनियों की बंदरगाह के स्वामित्व में अधिक हिस्सेदारी है। मुझे वहां से चलने वाली चीनी पनडुब्बियों या जहाजों के बारे में पता नहीं है। ग्वादर चीनी नौसेना के लिए एक नौसैनिक बंदरगाह होगा इसकी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। यह एक वाणिज्यिक बंदरगाह है जो सीपीईसी (चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा) का हिस्सा है।"
ग्वादर पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में ईरान के नजदीक अरब सागर में स्थित बंदरगाह है।
चीन का फिलहाल लगभग 80 फीसदी तेल का आयात मलक्का जलडमरूमध्य मार्ग से होता है, इसलिए चीन ग्वादर बंदरगाह को एक वैकल्पिक मार्ग के रूप में इस्तेमाल करने की तैयारियों में जुटा है।