"रोहिंग्या नेताओं" ने आतंकी सांगठन जमात-उद-दावा को दिया समर्थन

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रोहिंग्या नेताओं ने आतंकी सांगठन जमात-उद-दावा को दिया समर्थन
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नई दिल्ली, 11 दिसंबर (स॰स॰) : आखिरकार रोहिंग्या नेताओं ने धीरे – धीरे अपने चेहरे से नकाब हटाना आरंभ कर ही दिया। पाकिस्तान में शरण लिए हुये रोहिंग्या नेताओं ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े जमात-उद-दावा को अपने समर्थन का ऐलान किया। हम सभी जानते हैं कि "मुंबई हमले का मास्टरमाइंड आतंकी हाफिज सईद" जमात-उद-दावा का मुखिया है। खुफिया रिपोर्टों पर आधारित विश्वस्त सूत्रों के अनुसार इन रोहिंग्या नेताओं ने भारत, पाकिस्तान एवं बांग्लादेश समेत अन्य देशों में रहा रहे रोहिंग्या शरणार्थियों को मदद देने के लिए इस आतंकी संगठन को अपना समर्थन दिया है। अनेक खुफिया रिपोर्टों में यह बात सामने आ चुकी है कि हाफिज़ सईद और उससे जुड़े संगठन फलाह-ए-इनसानियत रोहिंग्या शरणार्थियों की सहायता के नाम पर पूरे पाकिस्तान में चंदा वसूली का अभियान चला रखा है।
रोहिंग्या मुस्लिमों के संगठन "रोहिंग्या फेडरेशन ऑफ अराकान" के प्रेजिडेंट फिरदौस शेख ने नवंबर माह में ही रोहिंग्या मुस्लिमों के समर्थन में आयोजित एक सेमिनार में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान का दौरा किया था। सूत्रों ने बताया कि इसी दौरान फिरदौस ने जमात-उद-दावा के कराची स्थित अमीर नवीद कमर से मुलाकात भी की थी। शेख के साथ ही पाक स्थित "रोहिंग्या संगठन और बर्मीज मुस्लिम वेलफेयर ऑर्गनाइजेशन" के अध्यक्षों के ने भी मुलाकात की थी। उस मुलाक़ात में नवीद ने शेख को बताया था कि बांग्लादेश और इंडोनेशिया में सक्रिय फलाह-ए-इनसानियत फाउंडेशन की दो यूनिट रोहिंग्या शरणार्थियों के लिय राहत सामग्री एवं चिकित्सा सुविधाएं के साथ – साथ हर मुमकिन सहायता उपलब्ध कराने के कार्य में लगी हैं। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में रोहिंग्या मसले को उठाए जाने को लेकर सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं। भारत के लिए चिंता का कारण ये भी है कि करीब 9,000 रोहिंग्या जम्मू में भी रह रहे हैं और अगर इन रोहिंग्या शरणार्थियों के नेता आतंकी हाफिज़ सईद से हाथ मिला लेते हैं (जोकि संभव लग रहा है) तो भारत के लिए रोहिंग्या बहुल इलाकों में सुरक्षा चिंताएँ बढ़ जाएंगी।

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