"दास प्रथा" की माँ - जेनेसिस ऑफ़ बाइबिल : हलेलूईया भाग_3

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पहले तो यह जान लीजिए की यह पोस्ट बीच में लिखने का कारण है की कुछ टर्मिनॉलॉजी की समझ हो जाना और कुछ तथ्य पता हो जाना जिससे की आप लोग किसी पास्टर से सवाल जवाब कर सकें
बाइबिल एक शब्द है जो बीबलिया से निकला है जिसका अर्थ होता किताबों का संग्रह उन संग्रह में से प्रमुख और पहला भाग है उत्पत्ति (जेनेसिस) तो कथा कुछ लम्बी है और इस प्रकार है
की आदम और हव्वा (आदम की पत्नी) जिनको अलग नाम ऐडम और इव से भी जाना जाता है यह पृथ्वी के प्रथम नर नारी हैं बाइबिल की कथा अनुसार जिनको यहोवा (यहूदियों के देवता) ने बनाया और पृथ्वी पर भेज दिया
आदम और हव्वा के बाद पृथ्वी पर उनके दो पुत्र कैन, हाबिल फिर इसी तरह बढ़ते हुए अनेक पीढ़ियों से गुज़रते हुए मटूशेलह, लेमेक फिर नूह तक पहुँची नूह से तीन पुत्र शेम, हैम और येपेत (जेपेथ) तक पहुँचा तब तक पृथ्वी पर सिन (पाप) बहुत बढ़ गया और यहोवा ने पृथ्वी को नष्ट करने की ठानी लेकिन नूह पर कृपा दृष्टि बनाए रखी
यह कथा आपने मिशनरीज़ के स्कूल में बहुत सुनी होगी उसका पूरा सच इस प्रकार है की जब यहोवा से धरती पर जलप्रलय का निश्चय किया तो नूह को कहा की वह अपना परिवार पुत्र और उनकी पत्नियों तथा ख़ुद की पत्नी को लेकर हर प्रकार के पवित्र जीव का सात-सात जोड़ा लेकर नाव में चढ़ जाए और इस प्रकार लम्बी जलप्रलय में सब कुछ तबाह हो जाएगा और सिर्फ़ नाव पर सवार लोग ही ज़िंदा बचेंगे, और फिर ऐसा ही हुआ तो भैया नूह जी पूरे टोले के साथ एक आइलैंड पर जा टिके, अब मुख्य कथा शुरू होती है
अब चुकी नूह जी पर यहोवा की विशेष कृपा थी तो उनको खेती करने का आदेश प्राप्त हुआ सो उन्होंने खेती की दाख (अंगूर ) की और उससे सुरा (शराब) बनाया और पी कर लुढ़क गए माने ऐसे लुढ़क गए जैसे सड़क पर टल आदमी कपड़े का भी होश न रहा नंगे ही पड़े रहे
अचानक हैम (नूह का पुत्र और कनान का पिता) ने उनको देख लिया कि नंगे ही पड़े हैं तंबू में सो उसने अपने बाक़ी भाइयों शेम और येपेथ को बताया, येपेथ और शेम ने अपने पिता को पीछे मुँह करके (बिना देखे) कपड़े से ढाँप दिया, जब नूह को होश आया तो उन्हें पता लगा सो वो हैम पर भयानक क्रोधित भए और श्राप (कर्स) दे दिया अब कर्स (श्राप) क्या था?

इसलिये नूह ने कहा, कनान शापित हो: वह अपने भाई बन्धुओं के दासों का दास हो। फिर उसने कहा, शेम का परमेश्वर यहोवा धन्य है, और कनान शेम का दास होवे। परमेश्वर येपेत के वंश को फैलाए; और वह शेम के तम्बुओं में बसे, और कनान उसका दास होवे। कथा तो इस प्रकार भी है की नूह के श्राप से हैम के वंशजों का शरीर काला पड़ गया, ग़ुलामी तो ख़ैर उनके मुक़द्दर में लिख ही दी गई


इस प्रकार शापित होने के बाद (हैम का वंश वृक्ष) तीनों भाइयों ने पूरी दुनिया में अपने पिता के कथन के अनुसार विस्तार किया हैम और उसके वंश वृक्ष को मिला एशिया अफ़्रीका कुछ हिस्सा यूरोप का और बाक़ी शेम को तो यहोवा का आशीर्वाद था ही उनका वंश वृक्ष ही फलने फूलने वाला बना तथा मेन यूरोप और अमेरिका इत्यादि जगह फैला येपथ को उनके साथ विस्तार में मदद करना था

ऊपर की कथा बताने का मुख्य कारण है इनका विस्तारवाद नीति की समझ रखना इस कथा को रट्टा मार लीजिए आगे बहुत काम आने वाली है
इतिहास की समझ रखने वाले लोगों को पता है कि जब यह बर्बर लोग बाइबिल के इसी रंग भेद नीति को लेकर साम्राज्य बढ़ाने निकले तो इन्होंने पूरी दुनिया में लगभग २२ करोड़ लोगों को क़त्ल किया जिसमें से रोमन जिप्सियो और यहूदियों का क़त्ल है लगभग 5 करोड़ भारतीय भी हैं जो अन्न की कमी भूख अत्याचार या अन्य कारणों से ग़ुलामी में दम तोड़ दिए
इसका प्रमुख उदाहरण अगर आप देखना चाहें तो हाल तक ही अफ़्रीका और अमेरिका में काले लोगों की हालत देखिए की उन्हें किस तरह ग़ुलाम बनाकर गले में ज़ंजीर पैरों में बेड़ियाँ डालकर रखा जाता है
यहाँ तक कि काले लोगों को गोरों के साथ उठने बैठने का भी अधिकार न था पशुओं से भी बुरा बर्ताव किया गया अब वही लोग विस्तार करते-करते जब भारत पहुँचे तब उन्हें थोड़ी दिक़्क़त हुई ख़ाली कलर देखकर पहचानना मुश्किल था जैसे बाक़ी जगह जो भी काला वह हैम का वंशज होगा उसको ग़ुलामी करनी है लेकिन यहाँ अलग-अलग लोग ऊपर से वर्णाश्रम ! तब हुई आर्यन इन्वेन्शन और कास्ट मैन्युफ़ैक्चरिंग की शुरुआत जो उन्हें आज तक ग़ुलाम हलेलूईया बनाने(कन्वर्ज़न) में मदद करती है लेकिन वह सब अगले भाग में
हाँ लेकिन कन्वर्ट हो रहे लोगों इतना तो याद ही रखना तुम रहोगे उनके ग़ुलाम ही वरना किसी दिन कैथोलिक चर्च में घुसकर दिखाओ और बोलो पूरी दुनिया में कन्वर्ज़न हुआ काला पोप क्यूँ नहीं गोरा ही क्यूँ ? यहाँ वर्ण व्यवस्था थी तो सिद्धांत था जन्मना जायते शूद्र: संस्कार द्विज उच्चयते वहाँ भी है क्या कुछ या ख़ाली ग़ुलाम ही रहना है ??
क्रमशः

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