दलित समाज और ईसाई मिशनरी का जाल
जातिवाद हिन्दू समाज की व्यक्तिगत समस्या है। क्या ईसाईयत को बढ़ावा देने वाले अंग्रेज हिन्दू समाज में प्रचलित इस जातिवाद को समाप्त कर सकें? नहीं। कदापि नहीं। अपितु उन्होंने तो इसे बढ़ावा ही दिया। क्या अंग्रेजों के राज में दलित महारों को उनके सभी अधिकार प्राप्त हुए? नहीं। कदापि नहीं। अपितु एक नई जमात दलित ईसाई के नाम से देश में पैदा हो गई। जो केवल नाम मात्र की ईसाई है। अपने आपको सवर्ण कहने वाले ईसाई न उनसे रोटी बेटी करते हैं। न ही उन्हें चर्च में बड़े पदों पर कार्यरत करते हैं।


X
जातिवाद हिन्दू समाज की व्यक्तिगत समस्या है। क्या ईसाईयत को बढ़ावा देने वाले अंग्रेज हिन्दू समाज में प्रचलित इस जातिवाद को समाप्त कर सकें? नहीं। कदापि नहीं। अपितु उन्होंने तो इसे बढ़ावा ही दिया। क्या अंग्रेजों के राज में दलित महारों को उनके सभी अधिकार प्राप्त हुए? नहीं। कदापि नहीं। अपितु एक नई जमात दलित ईसाई के नाम से देश में पैदा हो गई। जो केवल नाम मात्र की ईसाई है। अपने आपको सवर्ण कहने वाले ईसाई न उनसे रोटी बेटी करते हैं। न ही उन्हें चर्च में बड़े पदों पर कार्यरत करते हैं।
0