त्रिलोचन जन्म शताब्दी के मौके पर दो दिवसीय संगोष्ठी
सादगी और सहजता के साथ स्पष्ट अभिव्यक्ति उनकी रचनाशीलता की विशेषता रही है. वे जितने अपनी धरती, लोक संस्कृति और परंपरा के जानकार थे, उतने ही शास्त्र के ज्ञाता भी थे.
Dr Anil Verma | Updated on:21 Nov 2017 7:34 PM IST
X
सादगी और सहजता के साथ स्पष्ट अभिव्यक्ति उनकी रचनाशीलता की विशेषता रही है. वे जितने अपनी धरती, लोक संस्कृति और परंपरा के जानकार थे, उतने ही शास्त्र के ज्ञाता भी थे.
साहित्य अकादमी प्रसिद्ध हिंदी कवि त्रिलोचन की जन्म शताब्दी के अवसर पर 21 व 22 अगस्त को दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन कर रही है. साहित्य अकादमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने बताया कि कार्यक्रम का उद्घाटन प्रख्यात हिंदी कवि केदारनाथ सिंह करेंगे. त्रिलोचन ने अपनी रचनाओं से हिंदी साहित्य और कविता को नई शक्ति और अर्थवत्ता प्रदान की. उनका साहित्य, भारतीय साहित्य की धरोहर है. सादगी और सहजता के साथ स्पष्ट अभिव्यक्ति उनकी रचनाशीलता की विशेषता रही है. वे जितने अपनी धरती, लोक संस्कृति और परंपरा के जानकार थे, उतने ही शास्त्र के ज्ञाता भी थे.
श्रीनिवासराव ने बताया, "21 अगस्त को 11 बजे संगोष्ठी का उद्घाटन प्रख्यात हिंदी कवि और साहित्य अकादमी के महत्तर सदस्य केदारनाथ सिंह करेंगे. विशिष्ट अतिथि के तौर पर प्रख्यात हिंदी कवि एवं कथाकार रामदरश मिश्र होंगे. प्रख्यात आलोचक और साहित्य अकादेमी के हिंदी परामर्श मंडल के संयोजक सूर्य प्रसाद दीक्षित बीज वक्तव्य देंगे."