Home > विविध > हमारा कानून > आने वाला समय में साइबर क्राइम पर नियंत्रण सबसे बड़ी चुनौती : उप्र डीजीपी
आने वाला समय में साइबर क्राइम पर नियंत्रण सबसे बड़ी चुनौती : उप्र डीजीपी
डीजीपी मुख्यालय में प्रेस वार्ता में सुलखान सिंह ने कहा, "आने वाले समय में साइबर क्राइम पर नियंत्रण सबसे बड़ी चुनौती है। आंकड़े देखने पर यह ट्रेंड सामने आ रहा है कि जहां आइटी इंडस्ट्री ज्यादा है, वहां साइबर अपराध के मामले भी ज्यादा हैं।
samachar 24x7 | Updated on:4 Dec 2017 10:37 PM IST
X
डीजीपी मुख्यालय में प्रेस वार्ता में सुलखान सिंह ने कहा, "आने वाले समय में साइबर क्राइम पर नियंत्रण सबसे बड़ी चुनौती है। आंकड़े देखने पर यह ट्रेंड सामने आ रहा है कि जहां आइटी इंडस्ट्री ज्यादा है, वहां साइबर अपराध के मामले भी ज्यादा हैं।
लखनऊ, 4 दिसम्बर (एजेंसी) : उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक सुलखान सिंह ने सोमवार को कहा कि राज्य में साइबर क्राइम पर नियंत्रण सबसे बड़ी चुनौती है।
राष्ट्रीय अपराध अनुसंधान ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा जारी रिपोर्ट में उप्र में सर्वाधिक 17.2 फीसदी अपराध दर और महिलाओं के साथ अपराध के मामले में देशभर में उप्र के दूसरे स्थान पर रहने पर डीजीपी सुलखान सिंह ने सोमवार को कहा, "एनसीआरबी अपराध दर का आकलन प्रति एक लाख आबादी के हिसाब से करता है। उप्र की आबादी सर्वाधिक है। लिहाजा अपराध के मामले में उप्र का आंकलन आबादी को देखकर किया जाना चाहिए। इस हिसाब से उप्र में अपराध की दर कई अन्य राज्यों से कम है।"
डीजीपी मुख्यालय में प्रेसवार्ता में सुलखान सिंह ने कहा, "आने वाले समय में साइबर क्राइम पर नियंत्रण सबसे बड़ी चुनौती है। आंकड़े देखने पर यह ट्रेंड सामने आ रहा है कि जहां आइटी इंडस्ट्री ज्यादा है, वहां साइबर अपराध के मामले भी ज्यादा हैं। उप्र में साइबर क्राइम की चुनौती से निपटने के लिए उपनिरीक्षक व उससे ऊपर के अधिकारियों को लगातार ट्रेनिंग कराई जा रही है। जल्द प्रदेश में साइबर अपराध से निपटने के लिए करीब नौ करोड़ रुपये के और उपकरण खरीदे जाएंगे।"
डीजीपी ने कहा, "पिछले दिनों प्रदेश में हत्या की घटनाओं की दर में कमी आई है। यह पुलिस के लिए अच्छे संकेत हैं। उप्र में अपराध दर (128.7) संपूर्ण देश के औसत रेट (233.6) से कम है। पुलिस की प्रभावी पैरवी के चलते आरोपितों के दोष सिद्ध होने की दर भी अखिल भारतीय औसत 46.8 प्रतिशत के मुकाबले उप्र में 59 फीसदी है।"
उन्होंने कहा, "देश में 20 लाख से अधिक आबादी वाले 19 महानगरों में उप्र के गाजियाबाद, कानपुर व लखनऊ शामिल हैं। आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो दिल्ली, जयपुर व अन्य महानगरों की तुलना में भी इन शहरों में क्राइम रेट कम है।"